नई दिल्ली । परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर 325 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया है। एक जनवरी से 31 दिसंबर 2023 तक इस प्रक्रिया के तहत प्रदूषण फैलाने के आरोप में कुल 3.25 लाख वाहनों के 10-10 हजार रुपये के चालान काटे हैं। जिनका कुल जुर्माना 325 करोड़ रुपये बैठता है। इन वाहनों के पास वैध पीयूसी नहीं था। पर्यावरण विभाग की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई लोग 10 हजार के चालान को लेकर कोर्ट चले जाते हैं और राशि को कम भी करवा लेते हैं। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर एक बाद फिर बढ़ने पर परिवहन विभाग ने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती और बढ़ा दी है। बगैर पीयूसी प्रमाणपत्र वालों के दिसंबर में नवंबर की तुलना में डबल चालान काटे गए हैं, जिनकी कुल संख्या 30,900 रही है। रिपोर्ट के अनुसार सख्ती का असर यह देखने काे मिला है कि एक साल में पीयूसी प्रमाणपत्र बनवाने वालों की संख्या 49.78 लाख हो गई है। इसी के साथ परिवहन विभाग ने सख्ती दिखाते हुए वाहन प्रदूषण नियंत्रण उपायों के तहत की गई कार्रवाई में एक जनवरी से 31 दिसंबर 2023 तक ओवरलोडेड के आरोप में 3905 चालान काटे गए हैं। इस दौरान प्रदूषण को लेकर 10 लाख से अधिक वाहनों की जांच की गई है। 84 वाहनों के धुआं फैलाने के आरोप में चालान काटे गए हैं। डीजल की 10 साल और पेट्रोल की 15 साल पुरानी गाड़ियों के खिलाफ भी लगातार कार्रवाई हो रही है। पिछले साल ऐसी 14,867 गाड़ियां जब्त की जा चुकी हैं। परिवहन विभाग ने 67 हजार चालान काटे हैं। 2022 में परिवहन विभाग ने 42 हजार चालान काटे थे। बता दें कि कि वैध पीयूसीसी के बिना चलने वाले वाहनों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। तीन महीने के लिए लाइसेंस भी रद्द हो सकता है।