वन भूमि को बना दिया निजी संपत्ति, फर्जीवाड़े से हुआ बड़ा खेल
धनबाद: झारखंड में धनबाद बोकारो सीमा से सटे वन भूमि घोटाला अभी और कई को लपेटे में लेगा। यही वजह है कि कई अधिकारियों के चेहरे की हवाइयां उड़ने लगी है। चर्चा तेज है कि अगला नंबर किसका? 1000 करोड़ के इस भूमि घोटाले की जांच फिलहाल सीआईडी कर रही है। सीआईडी की टीम ने इस घोटाले से जुड़े दो कथित 'किंगपिन' को अरेस्ट भी किया है। इनसे पूछताछ की जा रही । इन दिनों की गिरफ्तारी के बाद इस घोटाले से जुड़े लोगों में इस बात का खौफ है कि कही सीआईडी के सामने उनका नाम न खुल जाए। अब यह चर्चा तेज है कि आगे अब क्या होगा?
100 एकड़ से अधिक वन भूमि फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचने का मामला
बोकारो के तेतुलिया में 100 एकड़ से अधिक वन भूमि को कथित फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया गया है। आरोप है कि भू -माफिया, अंचल कर्मी और बोकारो स्टील प्लांट के अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब किया गया है। इस जमीन को उपयोग में नहीं आने पर बोकारो स्टील प्लांट को वन विभाग को लौटाना था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जब मामले की चर्चा रांची तक पहुंची, तो डीजीपी ने जमीन घोटाले मामले की जांच सीआईडी को सौंप दिए।
सीआईडी ने एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की
सीआईडी ने बोकारो सेक्टर -12 थाने में दर्ज केस को टेकओवर कर अपनी जांच शुरू की। इसके पहले वन विभाग की जमीन को बेचे जाने का मामला सामने आने के बाद बोकारो वन प्रमंडल प्रभारी ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामला सामने आया था कि 100 एकड़ से अधिक जमीन फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दी गई है। इस मामले की जांच और कार्रवाई सीआईडी के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय भी कर रही है। इस मामले में अब तक इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन की गिरफ्तारी हुई है। घोटाले का आंकड़ा लगभग 1000 करोड़ का माना जा रहा है। घोटाले को अंजाम देने वालों की संख्या लंबी है और शायद यही वजह है कि केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां जांच में जुटी हुई है।