रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार, 14 जुलाई से प्रारंभ हुआ, लेकिन पहले ही दिन सरकार को विपक्ष के तीखे सवालों और विरोध का सामना करना पड़ा। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रदेश में DAP खाद की भारी कमी और राजस्व निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2024 में गड़बड़ी के मुद्दे को लेकर सदन में जमकर हंगामा किया और बाद में वॉकआउट कर दिया।

खाद की कीमतों पर भूपेश बघेल का हमला

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश में जानबूझकर धान उत्पादन कम करने की रणनीति के तहत किसानों को खाद की आपूर्ति सीमित की जा रही है। उन्होंने कहा, "1300 रुपये की DAP खाद छत्तीसगढ़ में 2100 रुपये में बेची जा रही है। यह सरकार की सरपरस्ती में हो रहा है।"

उन्होंने कालाबाजारी और अमानक बीजों की खुले बाजार में बिक्री को लेकर भी चिंता जताई और राज्य सरकार पर आंख मूंदने का आरोप लगाया।

सीएम विष्णु देव साय ने दी सफाई

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सदन में स्वीकार किया कि खाद की कमी का संकट सामने आया है, लेकिन इसके समाधान के प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में 1,79,000 बॉटल नैनो DAP भंडारित की गई हैं और NPK, SSP जैसे अन्य विकल्पों की भी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

राजस्व निरीक्षक भर्ती विवाद: विपक्ष ने की CBI जांच की मांग

प्रश्नकाल के दौरान राजस्व निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2024 में अनियमितताओं का मुद्दा उठा। बीजेपी विधायक राजेश मूढ़त ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए, लेकिन विपक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि परीक्षा तो 2024 में हुई, जब प्रदेश में बीजेपी की ही सरकार थी। भूपेश बघेल ने मामले में CBI जांच की मांग की। इसके बाद विपक्ष ने सत्तापक्ष पर भ्रष्टाचारियों को बचाने का आरोप लगाया और भारी शोर-शराबे के बाद वॉकआउट कर दिया।

सरकार का जवाब: जांच जारी है

राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने सदन में बताया कि परीक्षा में गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पांच सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में अनियमितता पाई गई है और अब मामले की EOW (आर्थिक अपराध शाखा) से 40 बिंदुओं के आधार पर जांच कराई जा रही है। मंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले सत्र से पहले दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित