शाम का समय दिन और रात के बीच की कड़ी होता है. इस समय को आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दिन भर की हलचल के बाद जब सूर्य अस्त हो जाता है, तब नकारात्मक शक्तियां सक्रिय होने लगती हैं. ऐसे में अगर इस समय दीपक जलाकर आरती की जाए, तो यह नकारात्मकता को दूर करने में मदद करता है. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं
क्यों जरूरी है कपूर से आरती करना?
शाम की आरती में कपूर का इस्तेमाल करना बहुत ही लाभदायक होता है. कपूर को बेहद पवित्र और शुद्ध तत्व माना गया है. जब इसे जलाया जाता है, तो यह बिना किसी राख के पूरी तरह जल जाता है, जो जीवन की अस्थिरता और नश्वरता का प्रतीक है. इसके साथ ही, कपूर की खुशबू पूरे माहौल को शुद्ध करती है.

वातावरण के लिए लाभकारी
कपूर से आरती करने पर जो धुआं निकलता है, वह न सिर्फ वातावरण को साफ करता है, बल्कि मन को भी शांत करता है. इससे घर के हर कोने में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और धीरे धीरे वहां फैली नकारात्मकता दूर होने लगती है. कहा जाता है कि जिस घर में रोजाना कपूर से आरती की जाती है, वहां देवी देवता का वास बना रहता है.

कैसे करता है कपूर घर की समस्याओं को दूर?
ज्योतिष के अनुसार, कपूर शुक्र ग्रह से जुड़ा होता है. शुक्र ग्रह समृद्धि, प्रेम, सौंदर्य और सुख सुविधाओं का प्रतिनिधि माना जाता है. जब आप नियमित रूप से कपूर जलाते हैं, तो यह शुक्र ग्रह को मजबूत करता है. इससे न केवल आर्थिक स्थिति में सुधार आता है, बल्कि पारिवारिक रिश्तों में भी मिठास बढ़ती है.
दूर होती मानसिक अशांति
साथ ही, कपूर को राहु और केतु के दोष को कम करने वाला भी माना गया है. इन दोनों ग्रहों के असर से घर में कलह, मानसिक अशांति और आर्थिक दिक्कतें आ सकती हैं. लेकिन कपूर से आरती करने पर इन दोषों का प्रभाव घटने लगता है.

कैसे करें शाम की आरती?
शाम को सूर्यास्त के बाद घर के मंदिर में एक साफ दीपक में गाय के घी का दीप जलाएं. फिर उसमें एक छोटा सा कपूर डालें और उसे जलाकर आरती करें. आरती के समय भगवान का ध्यान करें और मन में घर की शांति और सुख की प्रार्थना करें. आप चाहें तो “ओम जय जगदीश हरे” जैसे भजन गा सकते हैं, जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो जाता है.