अजमेर की प्रसिद्ध ख्वाजा साहब की दरगाह वाकई क्या शिव मंदिर पर बनी है? इसको लेकर सब जगह चर्चा शुरू हो गई है. आम आदमी से लेकर राजनीतिक दल भी इस पर अपने-अपने तर्क दे रहे हैं. दरगाह के सज्जादा नशीन का कहना है कि देश विकास के रास्ते पर बढ़ रहा है और ये लोग हिंदू मुस्लिम करने में लगे हुए हैं. 

वहीं, इस पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि सारा विषय बीजेपी या उस विचार से जुड़े किसी संगठन का मामला नहीं है. कई सौ साल का इतिहास कहता है कि मुस्लिम आक्रांताओं ने हमले किए और मंदिरों तथा धर्म केंद्रों पर मुस्लिम धार्मिक संस्थान विकसित किए. अब इतिहास के पन्नों के आधार पर याचिकाकर्ता ने दावा किया है. कोर्ट ने भी याचिका को स्वीकार किया है. ऐसे में कोर्ट अपने आप तय करेगा, धैर्य रखना चाहिए.

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष पारीक ने कहा कि किताब के पन्नों को देखा जाए तो साफ है कि इतिहास छुपाया गया है, बाकी सच्चाई सर्वे में सबके सामने आ जाएगी. लेकिन सबको अपने धर्म आस्था की लड़ाई लड़ते रहना चाहिए. मुस्लिम आक्रांताओं ने हमेशा हिंदू मंदिरों को टूल बनाया. अब मामला सामने आ रहा है, तो स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए.