कांग्रेस फिर 14 से 16 मई तक राजस्थान में करेगी चिंतन
जयपुर। पांच राज्यों में हार के बाद अब कांग्रेस चिंतन शिविर आयोजित करने जा रही है। ये शिविर 9 साल बाद राजस्थान के उदयपुर में होगा। उदयपुर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का ये चिंतन शिविर 14 से 16 मई तक होगा। इस शिविर में पांच राज्यों मे हार की समीक्षा से अधिक गुजरात समेत आने वाले चार राज्यों में चुनाव की रणनीति और कांग्रेस में संगठानात्मक और रणनीतिक बदलाव पर चर्चा होगी। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और दिग्गज भाग लेंगे। इससे पहले 2013 में जयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर आयोजित किया गया था। तब राहुल गांधी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था। इस बार फिर उदयपुर के चिंतन शिविर में कांग्रेस कुछ बड़े फैसले कर सकती है।
इनमें पार्टी को संक्रमण काल से बाहर निकालने के लिए जरुरी संगठनात्मक बदलाव और पार्टी की चुनावी रणनीति तथा प्रबंधन में बदलाव को लेकर फैसले होने की संभावना जताई जा रही है। इस चिंतन शिविर में कांग्रेस का फोकस रहेगा कि देश में बदलती राजनीतिक परिस्थितियों और बीजेपी की चुनाव कैम्पन की खास रणनीति से मुकाबला करने के लिए पार्टी की चुनावी कार्यशैली में क्या जरुरी बदलाव होने चाहिये। शिविर में खास फोकस गुजरात पर रहेगा। गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। गुजरात में 2017 में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी चुनौती दी थी। लेकिन इस बार गुजरात में कांग्रेस की चुनौती बीजेपी तो है ही आम आदमी पार्टी का बढ़ता प्रभाव भी है। गुजरात के अलावा राजस्थान, छतीसगढ़, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश में होने वाले चुनावों की रणनीति पर भी चर्चा होगी।
चिंतन शिविर में एक सत्र पांच राज्यों में चुनावी हार की समीक्षा पर भी हो सकता है। इस समीक्षा के जरिये ये कोशिश होगी कि कैसे पुरानी गलतियों में सुधार कर जरुरी रणनीतिक बदलाव किये जायें। सूत्रों का ये भी दावा कि पिछले महीने ही कांग्रेस के कुछ दिग्गज नेताओं ने उदयपुर में एक गोपनीय बैठक भी की थी। दरअसल उदयपुर गुजरात के नजदीक है। कांग्रेस नेतृत्व की कोशिश है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को 2024 में अगर रोकना है तो इस जंग की शुरुआत 2022 में गुजरात से की जाए। गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा हैं। रघु शर्मा पहले राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री थे। गुजरात में पार्टी को चुनाव से पहले मुकाबले में खड़ा करने के लिए रघु शर्मा को विशेष दायित्व सौंपा गया है। पिछली दफा ये जिम्मेदारी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास थी। लेकिन गहलोत को देर से जिम्मेदारी मिली। इसके बावजूद कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी। गहलोत ने अपनी रणनीतिक सूझबूझ से ही पार्टी को बीजेपी के साथ कड़े मुकाबले में ला खड़ा किया था।