'राजनीतिक औजार' बनती ED? सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी को लगाई फटकार

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता आतिशी ने केंद्रीय सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने ईडी पर तीखी टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्यों ईडी राजनीतिक हथियार बन रही है, क्यों राजनीतिक लड़ाई के लिए ED का प्रयोग हो रहा है?
आतिशी ने आगे कहा कि ईडी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री की पत्नी को समन किया था, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया, जिसके बाद ईडी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की है. आतिशी ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है. अरविंद केजरीवाल के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दुर्भावना के तहत कार्रवाई हो रही है.
आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार बार कह रहा है कि ED और CBI का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है. विपक्ष को परेशान करने के लिए इनका इस्तेमाल हो रहा है. बिना किसी सबूत के कथित शराब घोटाले में AAP के सभी बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया लेकिन एक भी पैसे का सबूत नहीं मिला. JMM के हेमंत सोरेन, TMC के अभिषेक बनर्जी, RJD की पूरी लीडरशिप, BRS के नेताओं सहित कई विपक्षी नेताओं को परेशान किया गया. पहले गिरफ्तारी होती है और फिर बेल के बाद केस ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं अगले चुनावों के लिए.
ED का मकसद PMLA के तहत जेल में डालो- आतिशी
हाल ही में AAP नेताओं के खिलाफ ED द्वारा दर्ज किए गए नए केस पर आतिशी ने कहा कि ED का मकसद ही है कि PMLA के तहत जेल में डालो और जब तक सुप्रीम कोर्ट में मामला ना पहुंचे, तब तक जेल में रखो, उनका मकसद विपक्षी पार्टियों को परेशान करना है.
उन्होंने कहा कि जब AAP नेताओं को बेल मिली तो ED ने ख़ुद ट्रायल कोर्ट में स्टे ली हुई है, क्योंकि कोई सबूत नहीं है. अब फिर से जेल में डालने के लिए नया केस करना होगा. इसीलिए यह हो रहा है. यह ED का नया तरीका है.