सनातन धर्म में प्रत्येक महीने दो बार एकादशी तिथि आती है और एकादशी तिथि के दिन भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित व्रत रखा जाता है. एकादशी तिथि के दिन व्रत करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति भी मिलती है और भगवान श्री हरि विष्णु की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है. वैदिक पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में एकादशी तिथि का व्रत रखा जाता है. चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पाप मोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यता भी है कि  एकादशी का व्रत करने से सभी मनोकामना पूरी होती है. ऐसी स्थिति में चलिए इस रिपोर्ट में जानते हैं कब है पापमोचनी एकादशी? क्या है शुभ मुहूर्त और शुभ संयोग?

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस वर्ष पापमोचनी एकादशी को लेकर कई तरह का कंफ्यूजन है. सामान्य लोग 25 मार्च को पापमोचनी एकादशी व्रत रखने की बात कर रहे हैं. जबकि वैष्णव समाज के लोग 26 मार्च को. ऐसी स्थिति में पापमोचनी एकादशी का शुभ मूहूर्त पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 मार्च को सुबह 5:04 से शुरू होकर 26 मार्च को दोपहर 3:45 पर समाप्त होगा. उदया तिथि के मुताबिक पापमोचनी एकादशी का व्रत 26 मार्च को रखा जाएगा.

पापमोचनी एकादशी व्रत के दिन पारण का समय 26 मार्च को दोपहर 1:58 से लेकर दोपहर 4:26 तक रहेगा. एकादशी तिथि के दिन भगवान श्री हरि विष्णु को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए. एकादशी तिथि के व्रत का संकल्प लेना चाहिए. भगवान विष्णु के अमोघ मंत्र का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से श्री हरि विष्णु की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है और जीवन में समस्त पाप से मुक्ति भी मिलती है.