पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए झारखंड में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. वहीं, सरकारी डॉक्टरों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई है. देश का हर एक नागरिक भारतीय सेना के शौर्य ,पराक्रम और अदम्य साहस से उत्साहित होकर जरूरत पड़ने पर जंग के मैदान में जाने के लिए कमर कस चुका है.

इस बीच झारखंड के पूर्व मंत्री और इंडियन एयरफोर्स से रिटायर्ड कृष्णानंद त्रिपाठी ने पीएम मोदी के एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने लिखा है कि मैं एयरफोर्स में अपनी सेवाएं दे चुका हूं. पाकिस्तान को सबक सिखाउंगा. मेरी युद्ध में जहां जरूरत है मुझे वहां भेज दीजिए. झारखंड के पूर्व मंत्री के कृष्णानंद त्रिपाठी साल 2022 में पूरे देश में चर्चा में आ गए थे, जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया था.

येमूल रूप से झारखंड के पलामू जिला के डाल्टनगंज के रेडमा काशी नगर मोहल्ला के रहने वाले के एन त्रिपाठी का जन्म एक किसान परिवार में 3 अप्रैल 1972 को हुआ था. डालटनगंज के दशमेश मॉडल स्कूल से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत की और फिर जिला स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की.

1999 में छोड़ी एयरफोर्स की नौकरी
इसके बाद डालटनगंज स्थित जेएसए कॉलेज से इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन किया. साल 1991 में केएन त्रिपाठी वायु सेना में ज्वाइन हुए. बेंगलुरु और सूरतगढ़ में भी उनकी पोस्टिंग रही है. उन्होंने वर्ष 1999 में वायु सेना की नौकरी छोड़ दी और अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी. वर्ष 2005 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर डाल्टनगंज विधानसभा सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा हालांकि, उस वक्त उन्हें इंदर सिंह नामधारी के हाथों चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.

2009 में बने मंत्री
साल 2009 में दोबारा कांग्रेस पार्टी ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें डाल्टनगंज विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया. इस बार डालटनगंज की जनता का कृष्णानंद त्रिपाठी को आशीर्वाद मिला और वह निर्वाचित होकर झारखंड विधानसभा पहुंचे और पहली बार झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास के मंत्री के तौर पर शपथ भी लिया. हालांकि, इसके बाद उन्हें वर्ष 2014 ,2019 और 2024 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.

युद्ध में शामिल होने की जताई इच्छा
पूर्व में मंत्री और पूर्व में इंडियन एयरफोर्स में कार्यरत रहे झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कृष्णानंद त्रिपाठी ने दलगत भावना से ऊपर उठकर, पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी भावनाओं से अवगत कराते हुए यह बताया कि साल 1991 से लेकर 1999 तक मैं भारतीय वायु सेना में अपनी सेवाएं दे चुका हूं. युद्ध के समय मैं अपनी सेवाओं देने के लिए तैयार हूं. लोगों की जरूरत होने पर आप हमें बताइए मैं तैयार हूं.