दिल्ली में 1 जुलाई से पुराने डीजल और पेट्रोल गाड़ियों पर सख्ती शुरू हो रही है. अब 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल और 15 साल से ज्यादा पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं मिलेगा. यानी अब ऐसी गाड़ियां न तो सड़कों पर दौड़ेंगी और न ही टैंक फुल करवा पाएंगी. दिल्ली सरकार ने 17 जून को इस नियम को लागू करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) भी जारी कर दी है. सरकार का कहना है कि यह फैसला बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए लिया गया है.

अगर कोई पुरानी गाड़ी इस नियम को तोड़ती हुई पाई जाती है तो कार मालिक पर 10,000 रुपये और टू-व्हीलर पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा. अगर इसके बाद भी गाड़ी सड़कों पर चलती मिली, तो उसे सीधे स्क्रैप यार्ड भेज दिया जाएगा. इस नियम के बाद दिल्ली में पुरानी गाड़ियां बेचने वालों की संख्या बढ़ गई है.

एंड ऑफ लाइफ व्हीकल्स पॉलिसी

अखिल भारतीय कार डीलर्स एसोसिएशन दिल्ली के अध्यक्ष लोकेश मंजाल के मुताबिक, अब ज्यादातर लोग अपनी गाड़ी इसलिए बेच रहे हैं क्योंकि उसकी मियाद पूरी होने में कुछ ही समय बचा है. बाद में न तो वो गाड़ी दिल्ली में चलेगी, ना पेट्रोल-डीजल मिलेगा और न ही दाम. इसलिए काफी तादात में लोग डीलर्स के पास अपनी पुरानी गाड़ी बेचने आ रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग दिल्ली सरकार की एंड ऑफ लाइफ व्हीकल्स पॉलिसी के खिलाफ नजर आए रहे हैं. उनका कहना है कि इस नियम से उन्हें बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. वरुण विज बताते है कि उन्होंने करीब 84 लाख की कार साल 2015 में खरीदी थी और अब 10 साल होने के बाद उन्हें अपनी कार को महज ढाई लाख में बेचना पड़ा.

लोगों को सस्ते दामों में बेचनी पड़ी रही गाड़ी

वरुण का कहना है कि मेरी गाड़ी की अच्छी फिटनेस थी. ये चाहते है कि सरकार अपने फैसलों पर कुछ विचार करें जिन गाड़ियों की उम्र खत्म हो गई है उनका फिटनेस टेस्ट करवाया जाए और अगर वो फिटनेस टेस्ट में पास होती है तो उसे आगे चलाने की अनुमति दी जाए. दिल्ली के रहने वाले सुमित का कहना है कि उन्हें अपनी गाड़ी सस्ते दामों पर बेचनी भी पड़ी क्योंकि उसकी मियाद पूरी हो चुकी थी. जिसकी वजह से वो दिल्ली में चल नहीं सकती थी. जो गाड़ी उन्होंने करीब 12 लाख में ली थी उसे महज 50 हजार में बेचना पड़ा.