कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने ALGO trade operator जेन स्ट्रीट को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि देश में तमाम संस्थाएं ऐसी हैं, जो मोदी सरकार में लगातार धराशायी होती जा रही हैं. इसमें सबसे आगे सेबी का नाम है. सेबी की नाक के नीचे जैसे घोटाले-घपले हुए हैं और आम निवेशकों को चूना लगाकर लूटा गया है, वो गौरतलब है. इसी कड़ी में हम आज ALGO trade operator जेन स्ट्रीट की बात कर रहे हैं. उन्होंने सवाल किया- ईडी, सीबीआई, आईटी जैसी एजेंसियों को भनक क्यों नहीं लगी?

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ये कंपनी अमेरिका की ALGO trading कंपनी है, जो कि भारत के शेयर बाजार और Derivative Market में एकसाथ ऑपरेट कर रही थी और जबरदस्त मुनाफा कमा रही थी, जो कि अवैध था- जैसा कि सेबी का ऑर्डर कहता है. इसमें आम निवेशक के लाखों करोड़ रुपए डूब गए, जिसकी चेतावनी राहुल गांधी लगातार दे रहे थे.

जेन स्ट्रीट समेत उसकी 4 सहयोगी कंपनियों को रोका गया

उन्होंने कहा, ऐसा कई साल चला और आखिरकार बीती 3 जुलाई को सेबी ने एक अंतरिम आदेश निकाला, जिसमें जेन स्ट्रीट समेत उसकी 4 सहयोगी कंपनियों को भारत में ट्रेड करने को रोका गया. फिर इस कंपनी के 4 हजार 844 करोड़ रुपए जब्त कर लिए गए. ये 105 पन्ने का अंतरिम आदेश जनवरी 2023 से लेकर मार्च 2025 के बीच मात्र 18 ट्रेडिंग सेशन की विवेचना करके इश्यू किया गया.

जेन स्ट्रीट ने अवैध मुनाफे में 44 हजार करोड़ रुपए कमाए

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जेन स्ट्रीट ने अवैध मुनाफे में 44 हजार करोड़ रुपए कमाए हैं. ये आंकड़ा भी जनवरी 2023 से लेकर मार्च 2025 के बीच का है. इस समयावधि से पहले और बाद में कंपनी ने कितना मुनाफा कमाया-उसकी जानकारी नहीं है. जेन स्ट्रीट ने अवैध मुनाफे में 44 हजार करोड़ रुपए कमाए लेकिन जब्त हुए सिर्फ 4 हजार 844 करोड़ रुपए, जो कि अवैध मुनाफे की रकम का दसवां हिस्सा भी नहीं है.

जेन स्ट्रीट को पैसा लाने की अनुमति किसने दी?

उन्होंने कई सवाल किए, जेन स्ट्रीट को हिंदुस्तान पैसा लाने की अनुमति किसने दी? जेन स्ट्रीट अवैध मुनाफा कमा रही थी, तो उसे मुनाफा वापस अमेरिका ले जाने की अनुमति किसने दी? जेन स्ट्रीट किसकी निगरानी में काम कर रही थी? जेन स्ट्रीट ने जो 44,000 करोड़ रुपए का अवैध मुनाफा देश से बाहर भेज दिया, उसका क्या होगा?

इतना ही नहीं सुप्रिया ने कई और भी सवाल दागे. उन्होंने पूछा, सेबी को जगने में 4 साल क्यों लगे, कंपनी के बैन में 5 महीने क्यों लगे- उन्होंने एक्शन क्यों नहीं लिया? ईडी, सीबीआई, आईटी जैसी एजेंसियों को भनक क्यों नहीं लगी? देश को शेयर मार्केट टिप्स देने वाले नरेंद्र मोदी, अमित शाह को इस बारे में क्या कोई जानकारी थी? जब जेन स्ट्रीट अवैध मुनाफा देश से बाहर भेज रही थी, तो इस पर एक्शन क्यों नहीं लिया गया?