उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास इलाके में आज मंगलवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जहां पतंग उड़ा रहे 10 साल के मासूम की तीसरी मंजिल से गिरकर मौत हो गई. हादसे के बाद इलाके में मातम पसरा है और परिजन सदमे में हैं. जानकारी के अनुसार, बच्चा अपने दोस्तों के साथ मकान की छत पर पतंग उड़ा रहा था. इसी दौरान उसका संतुलन बिगड़ा और वह तीसरी मंजिल से सीधे नीचे जमीन पर आकर गिरा.

गिरने के बाद वह बुरी तरह घायल हो गया. आनन-फानन में स्थानीय लोग उसे शास्त्री पार्क स्थित जग प्रवेश चंद्र अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी है.

परिजनों के बयान दर्ज

पुलिस अधिकारी मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और घटनास्थल का निरीक्षण किया जा रहा है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और परिजनों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. वहीं, इलाके में गमगीन माहौल है और लोग इस असमय हादसे पर शोक व्यक्त कर रहे हैं.

जांच में जुटी पुलिस

पुलिस के मुताबिक बच्चे के गिरने के बारे में जैसे ही पता चला, उसे आनन-फानन में शास्त्री पार्क स्थित जग प्रवेश चंद्र अस्पताल पहुंचाया गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद एक टीम मौके पर भेजी गई. यहां घटनास्थल का निरीक्षण किया गया और बच्चे के परिवार के सदस्यों से घटना के बारे में पूछताछ की गई. फिलहाल शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. परिवार और गवाहों के बयान भी दर्ज किए गए हैं.

जानलेवा साबित हो रही पतंगबाजी

बता दें कि पतंगबाजी अक्सर जानलेवा भी साबित हो जाती है. या तो लोग ऊंची इमारतों से गिरकर हादसे का शिकार हो जाते हैं या फिर मांझा से कट जाते हैं. आजकल पतंग उड़ाने के लिए जो मांझा इस्तेमाल की जाती है, वह प्लास्टिक की कोटिंग वाली नायलॉन डोर (चाइनीज मांझा) होती है. यह बेहद तेज, मजबूत और धारदार होती है. यह बिजली की तारों, गले, पक्षियों और बाइक सवारों के लिए जानलेवा बन जाती है.