पटना। बीते 30 वर्षों से बिहार में लालू प्रसाद यादव का सिक्का चल रहा है। बात करें वोट बैंक की तो लालू के पीछे एक बड़ा वोट बैंक है। लेकिन हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए इस बात की चर्चा चल रही है कि क्या अब लालू के कुनबे में सेंध लगने लगी हैं ? वो भी इसकी शुरुआत लालू के घर से ही हुई है। अब इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो लालू परिवार ही बता सकता है लेकिन अंदरखाने जो ख़बरें छनकर बाहर आ रही है और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप के जो तेवर दिख रहे हैं उससे राजनीतिक हलकों में यही कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में लालू के कुनबे में सेंध लगने लगी हैं। जी हाँ, प्रेम प्रसंग को लेकर विवादों के घेरे में आए राजद प्रमुख तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एक वीडियो अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है। इसमें वह एक भव्य कार्यालय में शेर जैसे अंदाज में प्रवेश करते दिखते हैं और रिवॉल्विंग चेयर पर बैठते हैं। पीछे दीवार पर लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की तस्वीरें लगी हुई हैं। मेज पर मोर पंख और तिरंगा झंडा भी देखा जा सकता है। वीडियो में खास तरह का बैकग्राउंड म्यूजिक जोड़ा गया है, जो इसे और नाटकीय बनाता है। वीडियो को पोस्ट करते हुए तेज प्रताप यादव ने लिखा है कि हमारे सभी सपने साकार हो सकते हैं, यदि हममें उन्हें पूरा करने का साहस हो। वीडियो में दिख रहा है कि परिवार और पार्टी से निकाले जाने बावजूद मां-बाप के प्रति उनकी निष्ठा डिगी नहीं है। तेज प्रताप ने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है ‘हिम्मत और शिद्दत से कोशिश करो तो हर सपना पूरा होता है। वहीं अब तेजप्रताप के इस वीडियो से ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर तेजप्रताप किस सपने की बात कर रहे हैं। इस बीच राजनीतिक हलकों में इस वीडियो को गंभीरता से लिया जा रहा है क्योंकि हाल ही में लालू प्रसाद यादव ने उन्हें राजद से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। पार्टी से निकाले जाने के बाद यह वीडियो कहीं न कहीं उनके राजनीतिक इरादों और संदेशों को जाहिर करता है। लोगों के बीच उनके नए कार्यालय को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। लोग जानना चाह रहे हैं कि क्या तेज प्रताप यादव कोई नई पार्टी बनाने जा रहे हैं? आखिर यह कौन सा कार्यालय है? मालूम हो कि इसके पहले तेज प्रताप ने  दो ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने माता-पिता और भाई तेजस्वी यादव को संबोधित करते हुए जयचंद की साजिश का उल्लेख किया। इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हैं कि तेज प्रताप जल्द ही नई सियासी राह पर जा सकते हैं।


- आखिर तेज प्रताप क्यों निकल पड़े अलग राह पर 
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो शुरू से लालू प्रसाद यादव अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने के बजाय अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को एक तरह से राजनीतिक कमान सौंप दिया है। लेकिन तेज प्रताप द्वारा इसको लेकर कभी कोई विरोध नहीं दर्शाया गया। मगर जब से उनकी पहली शादी के बाद तलाक का मामला हुआ और फिर अब ताजा मामला प्रेम प्रसंग का सामने आया तबसे तेज प्रताप के तेवर दिखने लगे हैं। दरअसल बीते महीने 24 तारीख को तेज प्रताप यादव के फेसबुक अकाउंट से अनुष्का यादव के साथ कुछ तस्वीरें पोस्ट की गईं, जिनमें उनके 12 साल पुराने रिश्ते का दावा किया गया। लेकिन दूसरे दिन ही इस पोस्ट को हटा दिया गया और तेज प्रताप द्वारा ये कहा गया कि उनकी आईडी हैक हो गई थी और किसी ने एआई से एडिट की गई तस्वीरें डालीं ताकि उनके परिवार को बदनाम किया जा सके। इस घटना के तुरंत बाद, 25 मई को लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप को पार्टी से निष्कासित कर दिया। यह पत्र राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के द्वारा आठ दिन बाद जारी किया गया। अब यहां सवाल ये उठता है कि जब तेज प्रताप ने उनकी आईडी हैक होने की बात सार्वजनिक रूप से कही थी तब लालू यादव ने उन्हें पार्टी से क्यों निष्काषित कर दिया, आखिर लालू यादव क्या संदेश देना चाहते थे ? ये बात अबतक समझ से परे हैं। इन सब घटनाक्रमों के बाद से ही ये अटकलें तेज हो गई है कि तेज प्रताप अब बिहार की राजनीति में अपनी अलग राह बनाने के प्रयास में जुटे हैं जिसका ताजा प्रमाण तेजप्रताप के इस ताजे वीडियो के जारी होने से मिल रहा है जिसमें वे कह रहे हैं कि ‘हिम्मत और शिद्दत से कोशिश करो तो हर सपना पूरा होता है। बहरहाल अब तो ये समय आने पर ही पता चलेगा कि सच में लालू के लाल ने अपनी नई राह बनाई या फिर पिता की राजनीतिक विरासत की धुरी बनकर ही आगे बढ़ेंगे ?